संगठन

5:45 PM at 5:45 PM

हम सब एक मिट्टी से बने,
एक ही जल हमे है सीचता
,
हम सब एक सी हवा है लेतें
,
एक ही खून हममें है दौड़ता ।
फिर ये मानव के बीच में आ गई कहाँ से कटुता
?

मानव, दानव बन गया है,
हमपर संकट आ गया है ।
है कहीं त्रुटी हममें
, या,
ये राजनीति की माया है ।

फिर से हमारे बीच में गूँगापन कहाँ से आया है?

सोचो, हमारी प्रशासनीक व्यवस्था में दोष है,
सुरक्षा व्यवस्था पड़ी बेहोश है
?
बोलो
, हमारे पास तकनीक नहीं,
या शिक्षण व्यवस्था खामोश है
?

फिर ये आतंकवादियों में आया कहाँ से जोश है?

बताओ कुछ ऐसा हमें उपाए,
जो हमारे देश के काम आ जाये ।
सुख
, शांति से लोग यहाँ जियें,
आओ मिलकर कुछ करें अपनी मातृभूमि के लिए ।

फिर ये इंतज़ार कहाँ से, पग अपना आगे बढ़ायें?

[contributed by: Shanti Bhai Patel, EN 2nd year]


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